लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प�
लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥ अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥ जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प�