The Ultimate Guide To shiv chalisa lyrics with meaning
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लै त्रिशूल शत्रुन को मारो । संकट से मोहि आन उबारो ॥
अस्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण ॥
जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥
अर्थ: पवित्र मन से इस पाठ को करने से भगवान शिव कर्ज में डूबे को भी समृद्ध बना देते हैं। यदि कोई संतान हीन हो तो उसकी इच्छा को भी भगवान शिव का प्रसाद निश्चित रुप से मिलता है। त्रयोदशी (चंद्रमास का तेरहवां दिन त्रयोदशी कहलाता है, हर चंद्रमास में दो त्रयोदशी आती हैं, एक कृष्ण पक्ष में व एक शुक्ल पक्ष में) को पंडित बुलाकर हवन करवाने, ध्यान करने और व्रत रखने से किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं रहता।
अन्त धाम शिवपुर में पावे ॥ कहैं अयोध्यादास आस तुम्हारी ।
जुग सहस्र जोजन पर भानु। लील्यो ताहि मधुर get more info फल जानू।।
नित्त नेम उठि प्रातः ही, पाठ करो चालीसा।
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै।।
शिव चालीसा - जय गिरिजा पति दीन दयाला । सदा करत सन्तन प्रतिपाला.
किया उपद्रव तारक भारी । देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥
वेद नाम महिमा तव गाई। अकथ अनादि भेद नहिं पाई॥
सहस कमल में हो रहे धारी । कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी ॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे । ध्यान पूर्वक होम करावे ॥
कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर । भये प्रसन्न दिए इच्छित वर ॥